26 जनवरी आने से पहले ही देश में खुशियों की एक लहर सी दौड़ जाती है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में सड़कों से लेकर दफ्तरों में सजावट होने लगती है। वहीं लाल किले की बात की जाए तो वहां की रौनक बढ़ने लगती है। हर साल देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी मेहमान आते हैं।
राष्ट्रीय महत्व के आयोजनों में जनभागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से, 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस परेड को देखने के लिए लगभग 10,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। वहीं सामने आई एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, विविध पृष्ठभूमि वाले स्वर्णिम भारत के इन शिल्पकारों में कई क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले और सरकार की योजनाओं का सर्वोत्तम उपयोग करने वाले लोग शामिल हैं।
जिन सरपंचों के गांवों ने चयनित सरकारी पहलों में लक्ष्य हासिल किए हैं, उन्हें आमंत्रित किया गया है। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग की तरफ से पंचायतों के बीच एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता की घोषणा की गई। कम से कम छह प्रमुख योजनाओं में लक्ष्य हासिल करने वाली पंचायतों को विशेष अतिथि के रूप में चुना गया।
आमंत्रित अतिथियों में से कुछ स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आय और रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए अनुकरणीय कार्य कर रहे हैं। खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य, जल स्वच्छता और सफाई, पंचायती राज संस्थाओं-समुदाय आधारित संगठनों के अभिसरण और लैंगिक गतिविधियों के क्षेत्रों में काम करने वाले स्वयं सहायता समूहों को आमंत्रित किया गया है। ऐसे स्वयं सहायता समूह के सदस्य को प्राथमिकता दी गई है, जो दिल्ली नहीं गए हैं।
पैरा-ओलंपिक दल के सदस्य, शतरंज ओलंपियाड पदक विजेता, ब्रिज वर्ल्ड गेम्स रजत पदक विजेता और स्नूकर वर्ल्ड चैंपियनशिप स्वर्ण पदक विजेता को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है क्योंकि उन्होंने अपने-अपने खेलों में अपने प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित किया है। नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करते हुए पेटेंट धारकों और स्टार्ट-अप को भी विशेष अतिथि के रूप में शामिल किया गया है।
देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत स्कूली बच्चे, जो अखिल भारतीय स्कूल बैंड प्रतियोगिता और वीर गाथा प्रतियोगिता के विजेता बनकर उभरे हैं, भी गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे। गणतंत्र दिवस समारोह के अलावा, ये विशेष अतिथि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, पीएम संग्रहालय और दिल्ली के अन्य प्रमुख स्थानों का दौरा करेंगे। उन्हें संबंधित मंत्रियों से बातचीत करने का भी अवसर मिलेगा।