अलग करते हैं

ये हिंदू को मुसलमान से अलग करते हैं
ये सिख को ईसाई से अलग करते हैं
इन सत्ता के लोभियों का काम है तोड़ना
असल में ये भाई को भाई से अलग करते हैं

पहले तो करते हैं वादे रोज़गार के
मौके पर बकरे को कसाई से अलग करते हैं
यूँ तो पाक दामन होने के दावे करते हैं हज़ार
असल में, जमादार को सफाई से अलग करते हैं

ये खुद तो खाते हैं महंगे मेवे, मगर
ये मिठाई को हलवाई से अलग करते हैं
ये अमीरों में बांटते हैं मुफ्त के कंबल
और गरीब को रजाई से अलग करते हैं

हर चाल है फरेबी इनकी, मतलब निकलने के बाद
ये खुद को महंगाई से अलग करते हैं
इन सत्ता के लोभियों का काम है तोड़ना
असल में ये भाई को भाई से अलग करते हैं.

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